"प्यार से बात करने का मतलब यह नहीं है कि हम हर समय बच्चों को दुलारते रहे हैं, हम उनकी हर बात मान ले। प्यार से बात करने का मतलब है सम्मान देना, धैर्य रखना, जुडाव महसूस करना और कराना। जब कोई बच्चा गलती करता है तो हम उसे डाँटने की बजाय ये कहते हैं, कोई बात नहीं बेटा चलो देखते हैं। अब इसे ठीक कैसे करे तो उसे समझ में आता है की गलती का मतलब प्यार खोना नहीं है। शब्दों में बहुत ताकत होती है।"